जब आनंद अपने परिवार के साथ चिडि़याघर गया, तो वहां तरह- तरह के जानवरों को देखकर, वो बहुत खुश हुआ। अपने, पसंदीदा जानवरों की ओर इशारा करता और ढेर सारे सवाल पूछता। वहां पिंजरे में कैद, ऊँट को देखकर, आनंद अपने पापा से पूछता है- “ऊँटों के कूबड़ क्यों होते हैं?” उसके पापा ने जवाब दिया- ये रेगिस्तानी जानवर हैं, ये कूबड़ पानी जमा करने के लिए है, ताकि ये कम पानी से भी जिंदा रह सकें। आनंद ने फिर एक सवाल किया- इनके पैर लंबे और गोल क्यों हैं?" उसके पापा ने उत्तर दिया, "ताकि ये रेगिस्तान के रेत में आसानी से चल सकें।"
आनंद ने कहा- अच्छा। लेकिन इनकी पलकें देखो, कितनी लंबी हैं। ऐसा क्यों हैं, बाकी जानवरों की तो, ऐसी नहीं हैं? उसके पापा ने जवाब दिया, "वे लंबी मोटी पलकें, इन्हें रेगिस्तान की रेत से बचाती हैं। आनंद कुछ देर बाद बोला - कूबड़ पानी जमा करने के लिए, पैर रेगिस्तान में चलने के लिए, पलकें रेगिस्तान की रेत से बचने के लिए हैं। तो फिर ये, चिडि़याघर में क्यों हैं?" इन्हें तो, रेगिस्तान में होना चाहिए था। कौशल और क्षमताएं तभी काम आती हैं, जब आप, सही समय पर, सही जगह पर हों। नहीं तो, वो सारी स्किल्ज, कैपेबिलिटी बिलकुल बेकार हैं।